गुर्दे की पत्थरी की समस्या आजकल आम हो गयी है | 15 से 20 % लोग इस समस्या से जुंज रहे है | सही इलाज ना मिलने की वजह से 50 % लोगो की किडनी ख़राब होने का खतरा बना रहता है | अधिकांश लोग इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते या हम ये कहेगे उन् लोगो को इसके बारे मे पता नहीं है वह लोग अपना इलाज सही ढंग से करा लेते |
क्या होती है गुर्दे की पथरी ?
हमारा गुर्दा छानने की क्रिया करता है | जो कण गुर्दे मै छाननै के बाद बच जाते है या यु कहै की कण मल के या पैसाब के रास्ते बहार नहीं आते और रुक कर एक जगह इकठा हो जाते है | उसी को पत्थरी कहते है |
कितने प्रकार की होती है पत्थरी ?
ये मुख्य तीन प्रकार की होती है
1 . कैल्सियम स्टोन – ये मुख्यता बादाम , अखरोट , पिस्ता , काजू , मुनक्का , किशमिश , मुगफली , सब्जिओ , फ्रूट और चॉक्लेट की अधिक मात्रा लेने के कारण होता है |
2 . स्त्रावित स्टोन (मूत्राशय की नली ) – ये स्टोन सक्रमण के कारण होता हैं और मूत्र मार्ग ( पैशाब की नली ) में होता है अगर इसका समाधान न किया जाए तो यह तेजी से बढ़ता है |
3. यूरिक एसिड स्टोन – ये स्टोन उन लोगो में अधिक पाया जाता है जो प्राय : प्रोटीन का अधिक मात्रा में प्रयोग करते है जैसे दाले , सोयाबीन , पनीर ( जिम करते समय जो प्रोटीन लेते है ) आदि | और पानी का कम प्रयोग करते है |
नोट – नमक भी भोजन में कम से कम प्रयोग करे क्योकि नमक में भी सोडियम होता है जो की पेट मे जाकर क्लैसियम बन जाता है और फिर पथरी को भढ़ावा देता है |
Stone End ( स्टोन एन्ड ) – हमारी औसधि के सेवन से बड़ी – बड़ी पत्थरी भी रेत बनाकर पेशाब के रास्ते निकाल देती है और पेशंट को पता भी नहीं चलता है | जिन पेशंट को दर्द होता है वो पेशंट आधा चमच गरम पानी के साथ ले 30 मिनट में दर्द खतम हो जाएगा | जब इस औषधि का सेवन करे उस दौरान नमक कम से कम ले खाने में घी, तेल आदि का प्रयोग बिलकुल न ले और पानी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करे |
सेवन – 3 ग्राम सुबह 3 ग्राम शाम वाटर सोडा ( खारे ) के साथ ले और कुल्थी की दाल के कवाथ के साथ इसका प्रयोग करे तो वह गुर्दे की छानने की क्षमता बढ़ाते है |